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Wednesday, March 11, 2020

March 11, 2020

अच्छी Communication Skills डेवेलप करने के 5 सिद्धांत

             अच्छी Communication Skills डेवेलप करने के 5 सिद्धांत

प्रभावी बातचीत की कला आपके सफलता के प्रतिशत को लगातार बढाती है। अच्छी communication skills होना आपको हर जगह एक edge दे देता है, फिर चाहे वो आपकी personal life हो या professional. सीधे शब्दों में कहें यदि आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी हैं तो आपके success की probability काफी बढ़ जाती है।

Effective communication skill develop करने में नीचे दिए गए पांच सिद्धांत आपके लिए कारगर साबित हो सकते हैं। ये आसानी से याद रहे इसके लिए हम इन्हें SKILL word में abbreviate कर लेते हैं —

SKILL  ;-
S- Supportive Talker

K- Knowledgeable individual

I- Intelligent questioner

L- Logical Start & End

L- Lovely Listener

आइये बातचीत की कला में इस SKILL को समझने का प्रयास करते हैं।

Supportive Talker (बातचीत में सहयोगी और प्रेरित करने वाला) –
बातचीत की कला का यह प्रमुख भाग है। जिसमें हमें दूसरों को बोलने मौका देना, उन्हें बोलने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करना चाहिए और ये सफल वक्ता होने की सबसे बड़ी खूबी मानी जाती है। यदि आपको सामने वाले को सही से जानना है तो उसे बात करने के लिए प्रोत्साहित कीजिये। उसे यह विश्वास हो जाना चाहिए कि आप ही वह व्यक्ति हैं, जिसे वह एक मित्र या अपना बिजनेस पार्टनर बनाना चाहता है। हमेशा याद रखिये कि बातचीत का सिलसिला कभी भी एक तरफ़ा नहीं होता, इसमें दोनों पक्षों का सहभागिता होना बहुत ही जरूरी है।

बात-चीत करते समय eye-contact का सही होना भी बेहद ज़रूरी है। आप जिससे/जिनसे बात करें उनकी आंखों में देखकर बात करें। कोई बोल रहा है और आप इधर-उधर देख रहे हैं तो आप उसे अपना support नहीं दे रहे हैं, इसलिए आई-कांटेक्ट बनाये रखिये।

बहुत सारी कंपनियों की तरक्की का रहस्य यही है कि वो अपने कस्टमर को बोलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं कि आखिर उनकी अपेक्षाएं क्या हैं! और जब कस्टमर आश्वस्त होकर अपने मन की बात बताता है तभी कम्पनियाँ उम्मीदों पर सही से खरे उतरने वाले प्रोडक्ट्स को मार्केट में लॉन्च करती है। हम स्वयं भी ऐसे लोगों से मिलने से कतराते हैं जो हमें बोलने का अवसर नहीं देते, और पूरे समय वे ही बोलते रहते हैं। इसलिए यदि आप बातचीत की कला से सामने वाले का दिल जीतना चाहते हैं तो उनके मौलिक विचारों को बाहर आने दीजिये और यह सिर्फ तभी होगा जब आप उन्हें बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

Knowledgeable Individual (ज्ञानी या शिक्षित व्यक्ति)-
आप प्रभावी ढंग से तभी बात कर पायेंगे जब आपके पास बोलने के लिए अच्छा content हो। अपना ज्ञान बढाइये, देखिये general बातें सभी जानते हैं, लेकिन अगर आप खुद को किसी field के एक्सपर्ट की तरह प्रोजेक्ट करते हैं तो आपको एक expert की तरह knowledge भी होनी चाहिए। इसलिए अपने subject पर पकड़ बनाये रखने के लिए उससे related journals, magazines, news से updated रहिये।

साथ ही ध्यान रखिये कि अच्छी नॉलेज होने पर आपके अन्दर किसी तरह का अभिमान ना आये और आप कोई चीज बस show off करने के लिए ना बोलें।

वहीँ दूसरी ओर, यदि आप किसी विषय से अनजान हैं तो सामने वाले से हमेशा सीखने का नजरिया बनाएं। बिना कुछ जाने उस विषय पर डींगें हांकना बेकार है, इससे अच्छा है कि आप सामने वाले से सीखते हुए उसकी बातों को ध्यानपूर्वक सुनें। यहाँ मुझे Mark Twain का एक quote याद आता है –

"Better to remain silent and be thought a fool than to speak out and remove all doubt.
बोल कर सारा संदेह ख़तम कर देने से अच्छा है चुप रह कर बेवकूफ समझा जाना."

इसलिए अगर आप अकेले या ग्रुप में संवाद करते समय इस बात का ज़रूर ध्यान रखें कि सिर्फ बोलने के लिए नहीं बोलें, जब कुछ बोलने लायक हो तब ही बोलें।

वह व्यक्ति हर उस आदमी को भाता है जो नए रास्ते बताता है, धैर्य और विवेकपूर्वक आपके सवालों का जवाब ढूंढने या जवाब देने में आपकी मदद करता है और जिसे विभिन्न विषयों का ज्ञान होता है। अतः हमारी यही कोशिश होनी चाहिए कि हम खुद को as a knowledgeable individual के रूप में develop करें।

दोस्तों यदि आप अपने बिजनेस पार्टनर को एक रूपये की राशि देते हैं और यदि वह भी आपको एक रूपये देता है तो अंत में आपके पास एक ही रुपया रहता है। लेकिन वहीँ पर हम यदि ज्ञान या विचारों की बात करें तो जब हम एक विचार किसी दूसरे को देते हैं और वह भी एक विचार हमें लौटाता है तो अंत में अब हम दोनों के पास दो-दो विचार होते हैं। और विचार या ज्ञान ही हमेशा इस तरह से मल्टिप्लाई होते हैं। इसलिए सामने वाले के सामने अच्छे से अच्छे विचार रखें ताकि वह भी अपने अच्छे विचार आपके सामने प्रस्तुत कर सके।

Intelligent Questioner (बुद्धिमान प्रश्नकर्ता)-
प्रश्न करना बातचीत का एक अहम पहलु होता है। इसके द्वारा हमें ज्ञान हो जाता है कि सामने वाला हमारी बातों में रुचि दिखा रहा है। सही समय पर सही प्रश्न पूछना एक बड़ा गुण है, ये दर्शाता है कि न आप एक अच्छे श्रोता है, बल्कि आप वक्ता को ध्यान से सुनकर उसका सम्मान भी करते हैं । कुछ प्रमुख कारण जिससे पता चलता है की प्रश्न करना कितना जरूरी है:-

  • यदि आपको कोई बात जाननी है तो प्रश्न कीजिये।
  • यदि आपको सामने वाले की मन की स्थिति समझनी है तो प्रश्न कीजिये।
  • यदि आपको अपनी बातों पर हाँ या ना कहलवाना है तो प्रश्न कीजिये।
  • यदि आपको सामने वाली की अपेक्षाएं या समस्याओं से रूबरू होना है तो प्रश्न कीजिये।
  • यदि आपको विश्वास दिलाना है कि आप उसकी बातों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं तो प्रश्न कीजिये।
प्रश्न दो तरह के हो सकते हैं :

Close Ended : जिनका जवाब हाँ या ना में होता है।

Open Ended : जिनका जवाब देने के लिए एक से अधिक शब्द बोलने पड़ते हैं, थोडा विस्तार में बताना पड़ता है।

Situation के हिसाब से आपके discussion में इन दो तरह के प्रश्नों का समवेश होना चाहिए।

For ex: अगर आपको किसी से सिर्फ इतना जानना है कि उसे मूवी अच्छी लगी या नहीं, तो आप उससे पूछ सकते हैं –

“आपको मूवी कैसी लगी ?”

लेकिन अगर आपको सिर्फ इतना ही नहीं जानना कि मूवी अच्छी लगी या बुरी बल्कि उस बारे में डिटेल में जानना है तो आप पूछ सकते हैं –

” इस मूवी के बारे में आपकी क्या राय है?”

ये भी हो सकता है कि उत्तर देने वाला ओपन एंडेड प्रश्नों के भी उत्तर बहुत short में दे, ऐसे में आपको और प्रश्न करने होंगे।

अगर आप किसी को ध्यान से और interest लेकर सुन रहे हैं तो अपने आप ही आपके मन में प्रश्न उठेंग, बहुत से लोग प्रश्न होने पर भी नहीं पूछते लेकिन अगर आप एक effective communicator बनना चाहते हैं तो आपको प्रश्न पूछने चाहियें, हाँ ये ध्यान रहे कि आप इसकी अति न कर दें।:)

Logical Start & End (तार्किक शुरूआत और अंत)-

बातचीत को शुरू करना एक बहुत मुश्किल काम माना जाता है। क्योंकि बातचीत शुरू करना भी एक कला है। इसमें सही टॉपिक चुनकर आगे बढ़ना रहता है। शुरुआत करने के लिए आप बहुत से टॉपिक पर बात कर सकते हैं, जैसे-

  • मौसम के बारे में
  • शहर के बारे में
  • राजनीति, शिक्षा आदि पर सामान्य बातचीत

इस काम में एक अच्छी सी smile आपकी बहुत मदद कर सकती है। किसी को देखकर मुस्कुराते हुए आगे बढ़ना और हाथ मिला कर बातचीत शुरू करना इतना मुश्किल भी नहीं है…इसे किया जा सकता है, isn’t it?

बातचीत शुरू करने की देरी रहती है उसके बाद वो खुद ही गति पकड़ लेती है। जितना important बातचीत का आरम्भ करना रहता है उतना ही important रहता है बातचीत का अंत करना। और साथ ही सारांश में उसे समाप्त करके अपने उद्देश्य की प्राप्ति करना। यदि आप किसी बिजनेस या कॉर्पोरेशन के साथ बातचीत को समाप्त कर रहे हैं तो अगली मीटिंग, समय, और स्थान का चर्चा जरूर कर लें क्योंकि बातचीत के अंत में ही आगे का रूपरेखा सही से तय हो पाती है।

Lovely Listener (प्यारे श्रोता)-
अच्छा listener होना एक बहुत बड़ा गुण है, but unfortunately ये बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है। आजकल बहुतों के पास कहने को तो सब कुछ रहता है लेकिन सुनने के लिए जरा-सा धैर्य भी नहीं होता। बातचीत में कई लोग अपना नजरिया सामने रख देते हैं, कई अपने डींगें हांकते हैं, अपना दुखड़ा रोते हैं लेकिन सच्चाई तो यह है कि ज्यादातर वही लोग पसंद किये जाते हैं जो कम बोलते और ज्यादा सुनते हैं।

परिवार, समाज, रिश्तेदारों में लोकप्रिय होने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप एक अच्छे श्रोता बनिए, जो दूसरों का कहा सुनकर अपना ख़ुशी भी जाहिर करता है,अपना दुःख भी प्रकट करता है और जो कोई बात समझ न आने पर सवाल भी पूछता है। और शायद यह good communication skills develop करने का सबसे ज़रुरु अंग है।

अंत में कुछ प्रभावशाली नियम जो आपको सुनने के समय याद रखने हैं:-
  • सारा ध्यान सुनने पर लगाएं। और यह तभी होगा जब आप अपने पास के व्यवधान को किनारे कर देंगे, जैसे कि मोबाइल, टीवी इत्यादि।
  • बीच में हस्तक्षेप न करें नहीं तो सामने वाला अपने विषय से भटक सकता है।
  • पूरी बात सुनें, बिना पूरी बात सुनें अपना मत न रखें।
  • बीच-बीच में प्रश्न पूछें, जहाँ भी आपको डाऊट लगे।
  • बातचीत करते वक्त अपने बॉडीलैंग्वेज का सही इस्तेमाल करें।
  • सहानुभूति और समझदारी का परिचय दें। यह जताएं कि आपने उनकी बातों को गंभीरता से सुना है।
दोस्तों उम्मीद है कि यहाँ दी हुई SKILLS से आपको ज़रूर कुछ लाभ होगा। और यदि आप अपनी तरफ से कुछ points add करना चाहें तो कृपया कमेंट्स के माध्यम से हमारे साथ शेयर करें। Thanks.
   

Sunday, February 23, 2020

February 23, 2020

Funny jokes Hindi

          Funny Hindi jokes/shayari


1. Kuchh Boloon To Itaraate Bahut Ho,
Jaaneman Tum Muskuraate Bahut Ho,
Man Karata Hai Tumhe Daavat Par Bulaoon,
Lekin Jaaneman Tum Khaate Bahut Ho.

कुछ बोलूं तो इतराते बहुत हो,
जानेमन तुम मुस्कुराते बहुत हो,
मन करता है तुम्हे दावत पर बुलाऊँ,
लेकिन जानेमन तुम खाते बहुत हो।

2. Khud Bachcha Roye To Dil Mein Dard Hota Hai,
kisi Aur Ka Roye To Sar Mein Dard Hota Hai,
Khud Ki Bibi Roye To Bhi Sar Mein Dard Hota Hai,
Kisi Aur Ki Roye To Dil Mein Dard Hota Hai.

खुद का बच्चा रोये तो दिल में दर्द होता है,
किसी और का रोये तो सर में दर्द होता है,
खुद की बीवी रोये तो भी सर में दर्द होता है,
किसी और की रोये तो दिल में दर्द होता है।

3. Aaj Kuch Sharmaye Se Lagte Ho,
Sardi Ke Karan Kapkapye Se Lagte Ho,
Chehra Apka Khilkhilaya Sa Lagta Hai,
Hafte ke Baad Nahaye Se Lagte Ho.

आज कुछ शर्माए से लगते हो,
सर्दी के कारण कपकपए से लगते हो,
चेहरा आपका खिलखिलाये सा लगता है,
हफ्ते के बाद नहाए से लगते हो।

4. Ajab Si Halat Hai Tere Jane Ke Baad,
Mujhe Bhookh Lagti Nahin Khana Khane Ke Bad,
Mere Pass Do Hi Samose The Jo Maine Kha Liye,
Ek Tere Aane Se Pehle, Ek Tere Jane Ke Baad.

अजब सी हालत है तेरे जाने के बाद,
मुझे भूख लगती नहीं खाना खाने के बाद,
मेरे पास दो ही समोसे थे जो मैंने खा लिए,
एक तेरे आने से पहले, एक तेरे जाने के बाद।

5. Tajmahal Kisi Ke Liye Ek Ajooba Hai,
To Kisi Ke Liye Pyar Ka Ehsaas Hai,
Hamare Tumhare Liye To Bakwaas Hai,
Kyun Ki Ki Roz Badalti Humari Mumtaaj Hai.

ताजमहल किसी के लिए एक अजूबा है,
तो किसी के लिए प्यार का एहसास है,
हमारे तुम्हारे लिए तो बकवास है,
क्यूँ की की रोज़ बदलती हमारी मुम्ताज़ है।

6.  Jab Darwaja Kholne Gaye To Chehre Par Hasi Thi,
Darwaja Khola To Aankhon Me Aansu Dil Me Bebasi Thi,
Jyaada Mat Soch Pagle,
Meri Ungali Darawaje Mei Phansei Thi,

जब दरवाजा खोलने गये तो चेहरे पर हसी थी,
दरवाजा खोला तो आँखों में आँसू दिल में बेबसी थी,
ज्यादा मत सोच पगले,
मेरी ऊँगली दरवाजे में फंसी थी,

7.  Dosto Ham Unhen Mud Mudkar Dekhate Rahe,
Aur Vo Hamen Mud Mud Kar Dekhte Rahe,
Vo Hamen, Ham Unhen, Vo Hamen, Ham Unhen,
Kyuki Pareeksha Me Na Unhen Kuch Aata Tha Na Hame.

दोस्तो हम उन्हें मुड़ मुड़कर देखते रहे,
और वो हमें मुड़-मुड़ कर देखते रहे,
वो हमें हम उन्हें, वो हमें हम उन्हें,
क्योंकि परीक्षा में न उन्हें कुछ आता था न हमे।

8.  Mohabbat Karte Hain Log Bade Shor Ke Saath,
Hamne Bhi Ki Bade Jor Ke Saath,
Lekin Ab Karenge Thoda Gaur Ke Saath,
Kyuki Kal Use Dekha Hai Kisi Aur Ke Saath.

मोहब्बत करते हैं लोग बड़े शोर के साथ,
हमने भी बड़े जोर के साथ,
लेकिन अब करेंगे थोड़ा गौर के साथ,
क्योंकि कल उसे देखा है किसी और के साथ।

9.  Masoom Muhabbat ka Faraz
Bas Itna Sa Fasana hai..
Ammi Ghar se Nikalne Nahi Deti
Aur Mujhy DATE Par Jana Hai.

मासूम सी मुहब्बत का फ़राज़
बस इतना सा फ़साना है..
अम्मी घर से निकलने नहीं देती
और मुझी डेट पर जाना है।

10.  Jab Tirchhee Najron Se Unhone Hamko Dekha,
To Ham Madahosh Ho Gaye
Jab Pata Laga Unaki Nazaren Hi Tirachhi Hain
To Ham Behosh Ho Gaye.

जब तिरछी नजरों से उन्होंने हमको देखा,
तो हम मदहोश हो गए
जब पता लगा उनकी नज़रें ही तिरछी हैं
तो हम बेहोश हो गए।

Thursday, February 13, 2020

February 13, 2020

Love shayari

                Love shayari


कितनी महोब्बत है उनसे,
शायद वो समज ना सके..
या हमि से समजाया न गया,
उन्होंने करीब आने की कोशिश ना की…
और हमसे दूर जाया न गया….



पैगाम तो एक बहाना था
इरादा तो आपको याद दिलाना था
आप याद करे या ना करे कोई बात नही
पर आपकी याद आती है
बस इतना ही हमने आपको बताना था

Wednesday, February 12, 2020

February 12, 2020

Love

WD WD
एक प्यार करने वाले से पूछा गया कि प्यार क्या होता है? कैसा लगता है? तो उसका जवाब था कि प्यार गेहूँ की तरह बंद है, अगर पीस दें तो उजला हो जाएगा, पानी के साथ गूँथ लो तो लचीला हो जाएगा... बस यह लचीलापन ही प्यार है, लचीलापन पूरी तरह समर्पण से आता है, जहा ँ न कोई सीमा है न शर्त। प्यार एक एहसास है, भावना है। प्रेम परंपराएँ तोड़ता है। प्यार त्याग व समरसता का नाम है।

प्रेम की अभिव्यक्ति सबसे पहले आँखों से होती है और फिर होंठ हाले दिल बयाँ करते हैं। और सबसे मज़ेदार बात यह होती है कि आपको प्यार कब, कैसे और कहाँ हो जाएगा आप खुद भी नहीं जान पाते। वो पहली नजर में भी हो सकता है और हो सकता है कि कई मुलाकातें भी आपके दिल में किसी के प्रति प्यार न जगा सकें।

प्रेम तीन स्तरों में प्रेमी के जीवन में आता है। चाहत, वासना और आसक्ति के रूप में। इन तीनों को पा लेना प्रेम को पूरी तरह से पा लेना है। इसके अलावा प्रेम से जुड़ी कुछ और बातें भी हैं -


WD WD
प्रेम का दार्शनिक पक्ष- प्रेम पनपता है तो अहंकार टूटता है। अहंकार टूटने से सत्य का जन्म होता है। यह स्थिति तो बहुत ऊपर की है, यदि हम प्रेम में श्रद्धा मिला लें तो प्रेम भक्ति बन जाता है, जो लोक-परलोक दोनों के लिए ही कल्याणकारी है। इसलिए गृहस्थ आश्रम श्रेष्ठ है, क्योंकि हमारे पास भक्ति का कवच है। जहाँ तक मीरा, सूफी संतों की बात है, उनका प्रेम अमृत है।

साथ ही अन्य तमाम रिश्तों की तरह ही प्रेम का भी वास्तविक पहलू ये है कि इसमें भी संमजस्य बेहद जरूरी है। आप यदि बेतरतीबी से हारमोनियम के स्वर दबाएँ तो कर्कश शोर ही सुनाई देगा, वहीं यदि क्रमबद्ध दबाएँ तो मधुर संगीत गूँजेगा। यही समरसता प्यार है, जिसके लिए सामंजस्य बेहद जरूरी है।

प्रेम का पौराणिक पक्ष- प्रेम के पौराणिक पक्ष को लेकर पहला सवाल यही दिमाग में आता है कि प्रेम किस धरातल पर उपजा-वासना या फिर चाहत....? माना प्रेम में काम का महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन महज वासना के दम पर उपजे प्रेम का अंत तलाक ही होता है। जबकि चाहत के रंगों में रंगा प्यार ज़िंदगीभर बहार बन दिलों में खिलता है, जिसकी महक उम्रभर आपके साथ होती है।

प्रेम का प्रतीक गुलाब- सुगंध और सौंदर्य का अनुपम समन्वय गुलाब सदियों से प्रेमी-प्रेमिकाओं के आकर्षण का केंद्र रहा है। गुलाब का जन्म स्थान कहाँ है यह आज भी विवाद का विषय बना हुआ है। इस पर कथाएँ तो कई हैं, लेकिन एक कथा के अनुसार जहा ँ- जहा ँ पैगम्बर के पसीने की बूँदें गिरीं, वहाँ-वहाँ गुलाब के पौधे उग आए।

लाल गुलाब की कली मासूमियत का प्रतीक है और यह संदेश देती है तुम सुंदर और प्यारी हो। लाल गुलाब किसी को भेंट किया जाए तो यह संदेश है कि मैं तुम्हें प्यार करता हूँ। सफेद गुलाब गोपनीयता रखते हुए कहता है कि तुम्हारा सौंदर्य नैसर्गिक है। जहाँ पीला गुलाब प्रसन्नता व्यक्त करता है, वहीं गुलाबी रंग प्रसन्नता और कृतज्ञता व्यक्त करता है। गुलाब यदि दोस्ती का प्रतीक है तो गुलाब की पत्तियाँ आशा की प्रतीक हैं।
- अशोक



यू दूर रह कर दूरियों को बढ़ाया नहीं करते.. अपने दिवानो को सताया नहीं करते,
हर वक़्त बस.. जिसे तुम्हारा ख़याल हो,उसे अपनी आवाज़ के लिए तड़पाया नहीं करते..


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Tuesday, February 11, 2020

February 11, 2020

Tere ishq mein tha jiya

Song-- Tere ishq mein tha jiya 

Tere ishq main mein tha jiya
Tere pyar me basata gaya


Tu lot a unn naa satha
Ye dil tujhe bhul na saka


Roya bhi tere ishq mein
Hasana bhi tere ishq me


Ek vaari mujhe tu mujhe pyar kare
Ek vaari mujhe tu mujhe yaad kare


Ehsaas tujhe bhe mere pyar ka hoga
Intazar tujhe bhi tere yaar ka hoga


Paas kabhi to mere aaoge
Sath mera bhi tum nibhaige


Aas yahi lakar me aaj ji raha
Tere pyar ka me bar bar khat likh raha


Tyere ishq mai mein tha jiya
Tere pyar me basata gaya


Roya bhi tere ishq mein
Hasana bhi tere ishq me


Ek vaari mujhe tu mujhe pyar kare
Ek vaari mujhe tu mujhe yaad kare


Ehsaas tujhe bhe mere pyar ka hoga
Intazar tujhe bhi tere yaar ka hoga

Tuesday, January 14, 2020

January 14, 2020

Pharmacy

Pharmacy me career :-

वर्तमान समय मे Pharmacy career की बहुत ही ज्यादा संभावनाएं हैं। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि Pharmacy me career kaise banaye तो इस पोस्ट में आपको Pharmacy me career kaise banaye इससे रिलेटेड सारी जानकारी मिलेगी। जिससे आपके pharmacy career से रिलेटेड सारे डाउट दूर हो जाएं।
इसमे हम आपको बताएंगे कि pharmacy में career बनाने के लिए कौन सा कोर्स करें। Pharmacy course किस कॉलेज से करना चाहिए। Pharmacy me career option क्या हैं। pharmacy course की फीस कितनी होती है। यानी कि इस पोस्ट में Pharmacy me career kaise bananye इससे रिलेटेड हर तरह की स्टेप by स्टेप पूरी जानकारी आपको मिलेगी।

Pharmacy me career scope
अगर आपका दवाओं में है इंट्रेस्ट तो फार्मेसी कोर्स हैं आपके लिए बेस्ट है क्योंकि इस समय तेजी से बढ़ने वाले सेक्टर्स में फार्मेसी का बहुत ज्यादा स्कोप है। इसमें मेडिकल, पैरामेडिकल और इस सेक्टर से जुड़े कारोबारों का तेजी से विकास हो रहा है। मेडिकल से जुड़ा Pharmacy का क्षेत्र भी इस समय बड़े मौकों वाला माना जा रहा है। विभिन्न रोगों में लाभ पहुंचा सकने वाली उपयोगी दवाओं की खोज या डिवेलपमेंट में रुचि रखने वाले लोग Pharmacy sector से रिलेटेड विभिन्न कोर्स कर Pharmacy me career बना सकते हैं। फार्मेसी में नई-नई दवाइयों की खोज व उनको डेवलप करने संबंधी कार्य किये जाते हैं।
फार्मेसी में आज के समय मे शानदार कैरियर स्कोप है, यह पर अनेकों कैरियर के विकल्प हैं। जैसे-

हॉस्पिटल फार्मेसी, क्लिनिकल फार्मेसी, टेक्निकल फार्मेसी, रिसर्च एजेंसीज, मेडिकल डिस्पेंसिंग स्टोर, सेल्स ऐंड मार्केटिंग डिपार्टमेंट, एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स, हेल्थ सेंटर्स, मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव, क्लिनिकल रिसर्चर, मार्किट रिसर्च ऐनालिस्ट, मेडिकल राइटर, ऐनालिटिकल केमिस्ट, फार्मासिस्ट, ऑन्कॉलजिस्ट, रेग्युलेटरी मैनेजर आदि के तौर पर कार्य कर सकते हैं।
Pharmacy me career option- फार्मेसी में कैरियर के विकल्प
फार्मेसी में कैरियर के 1 या 2 विकल्प नही है। pharmacy एक ऐसा फील्ड है, जंहा पर कैरियर के बहुत से ऑप्शन आपके पास है। आप अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी फील्ड में जा सकते है। चलिए हम आपको Pharmacy me career option के सारे विकल्प बताते हैं।

Pharmacy में कैरियर के बहुत से ऑप्शन सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में उपलब्ध हैं। इसके अलावा इस फील्ड में खुद का स्वरोजगार में शुरू कर सकते हैं।
सरकारी क्षेत्र में- Pharmacy career

आप राज्य या केंद्र सरकार के अस्पतालों, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभागों और सार्वजनिक दवा उत्पादन कंपनियों में फर्मासिस्ट की नियुक्ति टाइम- टाइम पर होती रहती है। इसी तरह दवाओं के गुणवत्ता नियंत्रण और उनकी जांच के लिए नियुक्त होने वाले ड्रग इंस्पेक्टर या सरकारी विश्लेषकों के चयन के लिए भी Pharmacy के जानकारों को भर्ती किया जाता है। इसके अलावा केंद्रीय सैन्य बलों में भी समय-समय पर पद पर Pharmacist की नियुक्ति के लिए वैकेंसी निकली जाती हैं।


निजी क्षेत्र- Pharmacy Career

दवा का निर्माण करने और दवाओं के वितरण कार्य में लगी कंपनियां ब्रिकी व प्रचार कार्यों के लिए मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (एमआर) की बड़े पैमाने पर नियुक्तियां करती हैं। फार्मेसी में डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त लोगों को इस पेशे में प्राथमिकता दी जाती है। जिसमे उनका काम दवा कंपनियां के उत्पादों के बारे में डॉक्टरों को बताना और संबंधित उत्पाद की बिक्री को बढ़ाना होता है। कुल मिलकर यंहा पर आपको दवाओं की विक्री बढ़ाने और प्रमोशन करना होता है।
ड्रग मैन्युफैक्चरिंग में कैरियर-

यह Pharmacy की अहम शाखा है। इस क्षेत्र में मॉलिक्युलर बायॉलजिस्ट, फार्मेकॉलजिस्ट, टॉक्सिकॉलजिस्ट या मेडिकल इंवेस्टिगेटर के तौर पर आप काम कर सकते हैं । इसमे मॉलिक्युलर बायॉलजिस्ट जीन संरचना और मेडिकल व ड्रग रिसर्च में प्रोटीन के इस्तेमाल का अध्ययन कराया जाता है। फार्मेकॉलजिस्ट इंसान के अंगों व ऊतकों पर दवाइयों के प्रभाव का अध्ययन करता है। टॉक्सिकॉलजिस्ट दवाओं के नेगेटिव इफेक्ट को मापने के लिए टेस्टिंग करता है। मेडिकल इंवेस्टिगेटर नई दवाइयों के विकास व टेस्टिंग की प्रक्रिया से जुड़ा फील्ड है।

प्राइवेट हॉस्पिटल में फार्मासिस्ट

सरकारी हॉस्पिटल के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल में भी फार्मासिस्ट की जरूरत होती है। हॉस्पिटल फार्मासिस्ट्स पर दवाइयों और चिकित्सा संबंधी अन्य सहायक सामग्रियों के भंडारण, स्टॉकिंग और वितरण का जिम्मा होता है, जबकि रिटेल सेक्टर में फार्मासिस्ट को एक बिजनेस मैनेजर की तरह काम करते हुए दवा संबंधी कारोबार चलाने में समर्थ होने की योग्यता होनी चाहिए।
क्लिनिकल रिसर्च में कैरियर

इसके अंतर्गत नई लॉन्च मेडिसिन के बारे में रिसर्च होती है कि वह कितनी सुरक्षित और असरदार है। इसके लिए क्लिनिकल ट्रॉयल होता है। देश में कई विदेशी कंपनियां क्लिनिकल रिसर्च के लिए आ रही हैं। दवाइयों की स्क्रीनिंग संबंधी काम में नई दवाओं या फॉर्मुलेशन का पशु मॉडलों पर परीक्षण करना या क्लिनिकल रिसर्च करना शामिल होता है।

क्वॉलिटी कंट्रोलर

फार्मासूटिकल इंडस्ट्री का यह एक बहुत अहम कार्य माना जाता है। इसमे नई दवाओं के संबंध में अनुसंधान व विकास के अलावा यह सुनिश्चित करने की भी जरूरत होती है कि इन दवाइयों के जो नतीजे बताए जा रहे हैं, वे सुरक्षित, स्थायी और आशा के अनुरूप हैं या नही।
ब्रैंडिंग ऐंड सेल्स प्रोमोशन

फार्मेसी की डिग्री के बाद स्टुडेंट ड्रग्स व मेडिसिन के सेल्स ऐंड मार्केटिंग में मेडीकल रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर करियर बना सकता है। मार्केटिंग प्रफेशनल्स उत्पाद की बिक्री के अलावा बाजार की प्रतिस्पर्धा पर भी नजर रखते हैं कि किस प्रॉडक्ट के लिए बाजार में ज्यादा संभावनाएं हैं, जिसके मुताबिक मार्केटिंग की प्लानिंग करते हैं।

मेडिकल इन्वेस्टिगेटर

यह नई दवाइयों के टेस्टिंग व डिवेलपमेंट की प्रक्रिया से रिलेटिड है। हॉस्पिटल फार्मासिस्ट पर मेडिसिन व अन्य मेडिकल रिलेटिड सामग्रियों के स्टॉकिंग और डिस्ट्रिब्यूशन का जिम्मा होता है। रिटेल सेक्टर में फार्मासिस्ट को बिजनस मैनेजर की तरह काम करते हुए दवा संबंधी कारोबार करना होता है।
अनुसंधान क्षेत्र में कैरियर

सरकारी संगठनों और निजी कंपनियां नई दवाओं की खोज व पुरानी दवाओं की क्षमता वृद्धि के लिए लगातार अनुसंधान करते रहते हैं। अपनी क्षमता और ज्ञान का इस्तेमाल नए उत्पादों के विकास में करने के लिए निजी या सार्वजनिक अनुसंधान संगठनों को चुना जा सकता है। इस कार्य में आमतौर पर एमफार्म या पीएचडी डिग्रीधारकों को शामिल किया जाता है।

टीचिंग में कैरियर

Pharmacy में M Pharam या फिर पीएचडी करने के बाद आप टीचिंग के क्षेत्र में जा सकते है। Pharmacy की पढ़ाई के लिए देश में काफी निजी और सरकारी संस्थान हैं। जरूरत के मुताबिक अब भी इस विषय के संस्थानों की कमी है, लेकिन अलग-अलग राज्यों में कई संस्थानों के निर्माण और पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव भी लंबित है। इससे आने वाले समय में इस विषय के अध्यापन के लिए योग्य लोगों की मांग का बढ़ना भी स्वाभाविक है। लिहाजा शिक्षण कार्य के प्रति झुकाव होने पर फार्मेसी में पीजी स्तरीय पढ़ाई करने के बाद बतौर लेक्चरर आप कैरियर की शुरआत कर सकते हैं।
मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं-

D Pharma या B Pharma करने के बाद अगर आप जॉब नहीं करना चाहते हैं, तो आप खुद का मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं। मेडिकल स्टोर स्टार्ट करने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है और इसे हासिल करने के लिए फार्मेसी में डिप्लोमा के साथ राज्य फार्मेसी काउंसिल में पंजीकृत होना जरूरी है। जिस राज्य के काउंसिल में आप खुद को पंजीकृत करवाएंगे, उसी के अधिकार क्षेत्र में आपको मेडिकल स्टोर खोलने का लाइसेंस मिलेगा।


Work of pharmacist- फार्मासिस्ट काम

फार्मासिस्ट का काम डॉक्टर द्वारा मरीज के लिए लिखी गई दवाएं मरीज को देना।
रोगियों को दवाओं के सुरक्षित और प्रभावी इस्तेमाल के बारे में जानकारी देना।

दवा, बीमारी और जीवनशैली में परिवर्तन से जुड़ी मरीज की उन शंकाओं का समाधान करना, जिनसे मरीज को बीमारी से उबरने में मदद मिले। हॉस्पिटल में यही फार्मासिस्ट के काम होते हैं।
फर्मासिस्ट के लिए स्किल्स-
दवाओं के बारे में गहरी जानकारी
विज्ञान विषयों खासकर लाइफ साइंस और दवाओं के बारे में रुचि हो।
काम के लिए कठिन परिश्रम का माद्दा हो।
तार्किक सोच
संवाद कुशलता और उत्पादों की बेहतर समझ
व्यापार के लिए जरूरी हुनर हो
रोगियों की बात को समझने का धैर्य होना चाहिए।
Pharmacy course in india

अगर आप फार्मेसी में कैरियर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको Pharmacy से रिलेटेड कोर्स करने की जरूरत होगी।Pharmacy me career banane के लिए आप डिप्लोमा इन फार्मेसी (D pharma) या बैचलर इन फार्मेसी (B Pharma) कोर्स कर Pharmacy के फील्ड में प्रवेश कर सकते है। बीफार्मा के बाद आप चाहे तो M Pharma course भी कर सकते है।


अगर आप फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स या बायोलॉजी विषयों के साथ 12 वीं की परीक्षा पास कर चुके हैं तो इसके बाद डीफॉर्म (डिप्लोमा इन फार्मेसी) पाठ्यक्रम में दाखिला या बीफार्मा में दाखिला लिया जा सकता है। मास्टर डिग्री पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए फार्मेसी में बैचलर डिग्री का होना जरूरी है।फार्मेसी के डिप्लोमा या बैचलर डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश बारहवीं में प्राप्त अंकों या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। दो वर्षीय डिप्लोमा हासिल करने के बाद आपके पास दवा की दुकान खालने का विकल्प तो होता ही है, आगे पढ़ाई जारी रखने का भी विकल्प बाकी रहता है। डीफार्म के आधार पर लेटरल एंट्री योजना के तहत बीफार्म पाठ्यक्रम के दूसरे साल में सीधे प्रवेश भी मिलता है। अगर आपको सरकारी कॉलेज में एडमिशन नही मिल पाता है तो आप प्राइवेट कॉलेज में डायरेक्ट एडमिशन ले सकते है। आजकल तो।हर शहर मे मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज है।

Pharmacy कोर्स की फीस-

सरकारी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में D Pharma या B Pharma कोर्स की फीस बहुत कम होती है। वंही प्राइवेट कॉलेज में इस कोर्स की फीस 50 हजार रुपये से 1 लाख रुपये प्रतिवर्ष होती है।


फार्मेसी कॉलेज
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, बीएचयू, वाराणसी
इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी, सी.एस.जे.एम. यूनिवर्सिटी, कानपुर
महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ोदा, वड़ोदरा, गुजरात
एल.एम. कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी, अहमदाबाद, गुजरात
कॉलेज ऑफ फार्मासूटिकल साइंसेज, विशाखापट्टनम्, आंध्र प्रदेश
कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, न्यू दिल्ली
महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक
गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा
नैशनल इंस्टिटयूट ऑफ फॉर्मासूटिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च, मोहाली, पंजाब
नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मासूटिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च, चंडीगढ़
यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मासूटिकल साइंसेज, चंडीगढ़
बॉम्बे कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी, मुंबई
इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नॉलजी, मुंबई
पूना कॉलेज ऑफ फार्मेसी, पुणे
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी, नागपुर
बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी, पिलानी (राजस्थान)
गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज, तिरुअनंतपुरम्, केरल
राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस, बेंगलुरु, कर्नाटक
आचार्या ऐंड बी.एम. रेड्डी कॉलेज ऑफ फार्मासी, बेंगलुरु, कर्नाटक
मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई, तमिलनाडु
जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, द नीलगिरिस, तमिलनाडु
अल-अमीन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बेंगलुरु, कर्नाटक
मनिपाल कॉलेज ऑफ फार्मासूटिकल साइंसेज, मनिपाल, कर्नाटक
मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई, तमिलनाडु

इनके अलाव भी बहुत से pharmacy के सरकारी और प्राइवेट कॉलेज हैं, आप वंहा से भी फार्मेसी कोर्स कर सकते हैं। बस इतना ध्यान रखें कि जंहा भी एडमिशन लें वो कॉलेज फार्मेसी कॉउन्सिल ऑफ इंडिया (PCI) से पंजीकृत हो|

Some   Questions  Answer :-

ANM Me Career Kaise Banaye। ANM Course Details in Hindi
ANM Me Career Kaise Banaye। ANM Course Details in Hindi
4 REPLIES TO “PHARMACY ME CAREER KAISE BANAYE-FULL GUIDE”
Avatar for Ranjita patelRanjita patel
July 21, 2019 at 3:20 am
Mera b pharma compleat ho chuka h mujhe job Chahiye kya kru m jalaun up se belong krti hu mai chahti hu mujhe aas pas hi job mil jaye

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Avatar for khushbookhushboo
July 21, 2019 at 7:32 am
Aap kisi bhi private hospital me Phramacist ke liye job dhoond sakti hai. Ya fir drug production company me Production department me work kr sakti hain. ya fir aap apna medical store khol sakte hain.agr investment nahi krnaa chahte to aap jan ausadhi kendra bhi khol sakte hain.jisme government se aapko funding ho jayegi.

Ya fir aap kisi pharmacy company me as Medical Representative job kr sakti hai.

kisi bhi job ke liye jaruri hai ki aap communication skill pr jyda dhyaan de. English strong ho to aasani se job mil jayegi. iske alav aap pharma grop joinnkr len vanha job vacancy update hoti rahti hai.
For any other query can ask.

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Avatar for Arpit dubeyArpit dubey
October 28, 2019 at 10:10 pm
Sir hum government d pharma karna chahte hain kaise kare

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Avatar for khushbookhushboo
October 29, 2019 at 4:59 am
Government me d pharma karne ke liye aap government university me d pharma ke entrance exam ke liye apply kr sakte hai. polytechnic se bhi aap govt d pharma kr sakte hain.

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